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Agency | Sep 02, 2021 | Automobile Association
दी राजस्थान ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (रजि.)
कामर्शियल वाहन कारोबार मंदी का शिकार
डीजल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि के चलते कामर्शियल वाहनों का कारोबार मंदी का शिकार हो गया है। दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन और कारोबारी गतिविधियां प्रभावित होने से ट्रांसपोर्टेशन कारोबार में गिरावट आई है। आलम यह है कि ट्रांसपोर्ट कंपनियों के करीब 40 फीसदी ट्रक खड़े है। कई ट्रक मालिक बैंकों की किस्ते नहीं भर पा रहे हैं। इस वजह से नए कामर्शियल व्हीकल की मांग में कमी आई है। राजस्थान ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चानणमल अग्रवाल ने बताया कि डीजल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि के अलावा कोराना की वजह से लेबर रेट भी 20 से 30 फीसदी बढ़ गए है। नए टायर 25 फीसदी तक मंहगे हो गए है।
ऑयल एवं लुब्रिकेंट के दाम 45 फीसदी तक बढ़ गए है, जबकि मोटर पार्ट्स की कीमतों में 30 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। इससे ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभावित हुआ है। एसोसिएशन के सचिव राजन सिंह का कहना है कि हर वर्ष कामर्शियल व्हीकल पर टोल टैक्स बढ़ा दिया जाता है, जबकि निरंतर बढ़ रही गाड़ियों की वजह से पुराने रोड पर इसमें कमी होनी चाहिए। यदि सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो ऑटोमोबाइल ट्रेड बीमारू उद्योग की श्रेणी में शुमार हो जाएगा। एसोसिएशन ने कामर्शियल वाहन और ट्रांसपोर्ट कारोबार को बचाने के लिए सरकार से डीजल के दाम और टोल दरों में कमी तथा आरटीओ द्वारा ई-चालान पर रोक लगाने की मांग की है।